प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत मिड-डे मील वर्कर्स की समस्याएं जल्दी खत्म होने वाली है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि मिड-डे मील केंद्र सरकार की योजना है, लेकिन केंद्र से बजट न जारी होने के कारण यह समस्याएं आ रही है। अब सरकार केंद्र के बजट का इंतज़ार न करते हुए अपने संसाधनों से इन वर्कर्स को वेतन देगी। शिक्षा मंत्री ने मिड-डे मील वर्कर्स को धैर्य रखने के लिए कहा है। गौरतलब है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले 5 महीने से मिड-डे मील वर्कर्स को वेतन नहीं मिला है। वर्कर्स का कहना है कि बिना वेतन लिए ही इन्हे अपनी सेवाएं देनी पड़ रही है। केंद्र से मिड-डे मील के लिए पिछले पांच माह से बजट जारी नहीं हो पाया है। हाल ही में मानसून सेशन के दौरान मिड-डे मील वर्कर्स की ओर से विधानसभा का घेराव भी किया गया था। उनका कहना था कि वेतन न मिलने के चलते अपना घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है । प्रारंभिक शिक्षा निदेशक घनश्याम चंद का कहना है कि विभाग के पोर्टल पर तकनीकी खामी आने के चलते केंद्र का बजट ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने नोडल अफसर को तुरंत प्रभाव से पोर्टल ठीक करवाने के आदेश दिए है।
दूसरी ओर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि शिक्षा विभाग अपने संसाधनों से मिड-डे मील सैलरी देने की कोशिश करें। पिछले 5 महीने से केंद्र सरकार की योजना के तहत बजट न जारी होने के चलते सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील देना भी मुश्किल हो गया है। एक ओर जहां मिड-डे मील वर्कर्स को वेतन नहीं मिला। वहीं दूसरी ओर प्राथमिक शिक्षकों का कहना है कि अब तक दुकानों से उधार लेकर बच्चों को मिड-डे मिल परोसा जा रहा है।