बेरोजगार युवाओं का सरकार पर फूटा गुस्सा 18 को शिमला में प्रदर्शन

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 प्रदेश में हजारों बेरोजगार युवाओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को हिमाचल में भर्ती संबंधी देरी को लेकर पत्र भेजा है। 18 जनवरी को विभिन्न भर्तियों से जुड़े युवा शिमला पहुंचेंगे और सरकार के खिलाफ धरना देंगे। बेरोजगार युवाओं का कहना है कि जब प्रदेश सरकार सत्ता में आई थी तो सत्ता में आते ही उन्होंने प्रदेश में युवाओं को एक लाख नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन नौकरी देने के बजाय आज स्थिति प्रदेश में इसके बिल्कुल उलट है। पिछले एक साल से हिमाचल में कोई भी भर्ती नहीं हुई है और इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार बिल्कुल चुप है। युवाओं के लिए प्रदेश सरकार की ओर से न तो कोई कदम उठाए जा रहे है और न ही किसी प्रकार की भर्तियां की जा रही है। इस कारण हिमाचल में लगातार बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। इस पत्र में सुक्खू सरकार को तानाशाह करार दिया गया है और उनकी शिकायत की गई है। युवाओं ने पत्र के माध्यम से शिकायत की है कि प्रदेश में करीब 4000 भर्तियां ऐसी हैं जिनके रिजल्ट पेंडिंग है और इन भर्तियों की कोई भी ज्वाइनिंग नहीं दी गई है। नवंबर 2022 से अब तक कोई भी परीक्षा सरकार की ओर से करवाई गई है।

  युवाओं को ऐसी सरकार में कोई दिलचस्पी नहीं है। ऐसे में लोगों के हित को देखते हुए इस सरकार को तुरंत रिजाइन कर देना चाहिए। युवा वर्ग पूरी तरह से मानसिक परेशानी में है। उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि हिमाचल में इस मुद्दे को गंभीरता से ले और केंद्र की सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाएं। चुनाव से भी अब युवाओं का विश्वास उठ गया है और यदि युवाओं के हित में कोई फैसला नहीं होता है तो इस बार लोकसभा इलेक्शन में भी युवा वोट नहीं करेंगे।