बिलासपुर 27 जुलाई – उपायुक्त पंकज राय ने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू व मलेरिया जैसे रोगों से बचाव के बारे में सभी लोगों को जागरुक होना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि डेंगू रोग अधिकतर बरसात के मौसम में होने वाला रोग है। डेंगू रोग चार प्रकार के विषाणुओं से एडीस नामक मादा मच्छर के काटने पर फैलता है। विषाणू के संक्रमण 5-6 दिन में लक्षण दिखाते है जैसे लाल चेहरा, उच्च बुखार, सिरदर्द, मांसपेशी तथा जोडों में दर्द, आंखो को हिलाने डुलाने में दर्द, चेहरे, गले तथा छाती पर लाल चकत्ते, मितली व उल्टी आना इसमें शामिल है।
डेंगू से लक्षण आने पर डाॅक्टर की सलाह लें
उन्होंने कहा कि ऐसे लक्षण आने पर शीघ्र डॉक्टर से सम्पर्क करें। रोगी को तुरन्त नजदीकी अस्पताल में दाखिल करवाएं ताकि 5 से 7 दिन में सामान्य उपचार से वे ठीक हो जाए।
सरकारी अस्पताल में मलेरिया के लिए खून की जांच व उपचार निःशुल्क
उपायुक्त ने बताया कि बरसात के मौसम में मलेरिया रोग से भी बचाव आवश्यक है। यह एक तेज बुखार वाली संक्रामक बीमारी है जो एक सूक्ष्म जीव मलेरिया पैरासाईट द्वारा होती है जिसे एनाफ्लीज मादा मच्छर के काटने से होती है। उन्होंने कहा कि मलेरिया रोग में तीन अवस्थाएं होती है जिसमें शीत वाली अवस्था में तेज सर्दी, शरीर में कंपकंपी, सिर मे दर्द होना, गर्मी वाली अवस्था में तेज बुखार आना, अधिक गर्मी लगना, पसीने वाली अवस्था में अधिक पसीने के साथ बुखार उतरना व कमजोरी महसूस होने जैसे लक्षण शामिल है। उन्होंने बताया कि किसी भी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य उपकेन्द्र में मलेरिया के लिए खून की जांच व उपचार निःशुल्क किए जाते हैं।
मच्छरों से बचाव के लिए एहतियात बरतें
उन्होंने बताया कि मच्छर हमेशा खडे पानी में अण्डे देता है इस लिए खुले तौर पर कभी भी पानी खडा न रखें, स्टोर पानी को ढक कर रखें, घरों के आस-पास गढढों को भर दें और नालियों की सफाई बनाए रखें, सप्ताह में एक बार सूखा दिवस मनाएं, कूलरों, गमलों, और डिब्बों का पानी निकाल कर इन्हें सूखाएं, गमलों, मनी प्लांट आदि के पौधों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें, खुले में पडे पुराने बर्तनों, टायरों, टयूवों आदि में पानी न भरनें दें, सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग करें, घर के दरवाजों और खिडकियों में जालीदार पल्ले लगवाएं, शरीर के नंगे भागों जैसे हाथ, पैर, मंुह पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें, पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे पहने ताकि डेंगू व मलेरिया से बचाव हो सके।