2023 के अंत तक सुकन्या समृद्धि योजना में लगभग 2.73 करोड़ खाते
धर्मशाला :- बेटियों के भविष्य को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने समय-समय पर योजनाएं चलाई जिसका लाभ देश और प्रदेश की हर कन्या और माताएं-बहने उठा रही हैं। कांगडा़ संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी राजीव भारद्वाज ने ज्वालाजी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना 22 जनवरी, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण किया था, ’सुकन्या समृद्धि योजना’ (एस.एस.वाई.) का विकसित भारत में महिलाओं के वित्तीय सशक्तीकरण के लिए एक दूरदर्शी पहल है।
उन्होंने कहा कि एक उज्ज्वल भविष्य के लिए यह योजना एक स्वर्णीम अवसर के रूप में खड़ी है। वित्त मंत्रालय द्वारा शुरू की गई यह योजना व जमापूंजी समय आने पर बेटियों के सपनों के लिए एक खुले आकाश के रूप में कार्य करती है। इस योजना के माध्यम से डाकघरों और वाणिज्यिक बैंकों की शाखाओं में उपलब्ध एस.एस.वाई. वह खाता अभिभावकों को सबंल प्रदान करता है, जो अपनी बेटियों के भविष्य के लिए, शिक्षा और शादी की बेहतर आकांक्षा रखते हैं।
यह खाता बचपन से पैसा- पैसा जोड़कर माता-पिता अपने बेटी के भविष्य के लिए शुरू करते हैं और 21 वर्षों में परिपक्व हो जाता है, जो कर-मुक्तलाभ प्रदान करता है।
राजीव भारद्वाज ने कहा कि ’विकसित भारत’ की बेटियों के लिए एक आशाजनक भविष्य को बढ़ावा देने वाला एक पोषित आश्वासन है। इसमें न्यूनतम निवेश 250 रूपये प्रतिवर्ष और अधिकतम निवेश 1,50,000 रुपए प्रतिवर्ष हो सकता है। इस योजना को 2023 में एस.एस.वाई. 8 प्रतिशत की उच्चतम ब्याज दर प्रदान की। मैं बताना चाहुंगा कि सुकन्या समृद्धि योजना में मूल धन, ब्याज और परिपक्वता लाभ धारा 80सी के तहत कर-मुक्त है। 18 साल की उम्र में, निवेश का 50 प्रतिशत तक समय से पहले निकाला जा सकता है। शुरुआत के बाद से 2023 के अंत तक इस योजना में लगभग 2.73 करोड़ खाते खोले गए हैं, जिनमें कुल जमा राशि लगभग 1.19 लाख करोड़ रुपए है।