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“अचीवर्स असेम्बली” में उन विद्यार्थियों को गोल्ड, प्लैटिनम, अचीवमेंट एवं डायमंड स्टार्स से सुसज्जित किया गया जो यूनिट-3 परीक्षा में इन स्टार्स के मापदंडों पर खरा उतरे। विद्यालय के होनहार विद्यार्थियों को“ डायमंड स्टार” से नवाज़ा जाता है ।“ डायमंड स्टार” की संख्या यूनिट 2 परीक्षाओं में 9 थी जबकि यूनिट 3 में यह संख्या बढ़कर 17 हो गई जो इस बात का परिचायक है कि विद्यार्थियों के अपेक्षित व्यवहार में आशातीत सुधार हुआ है।


“डायमंड स्टार” प्राप्त करने के लिए किसी भी विद्यार्थी को सभी सहपाठियों से 80% एवं सभी सम्बंधित अध्यापकों, डोर्म मेट्रन्स, हाउस मास्टर्स/मिस्ट्रेसेस एवं शारीरिक अध्यापकों से भी इसी अनुपात में समर्थन को गुप्त वोट की प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त करना होता है। कक्षा से 80% वोट मिलने के पश्चात किसी भी अध्यापक, डोर्म मेट्रन्स, हाउस मास्टर्स/मिस्ट्रेसेस एवं शारीरिक अध्यापक द्वारा विपक्ष में वोट मिलने की स्थिति में पात्रता रद्द हो जाती है।
अतः“डायमंड स्टार” प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की यही खूबी है कि वे कक्षा, खेल के मैदान, डोर्म, मैस तथा अन्य हर एक स्थान में अनुशासन, पढ़ाई, खेल, समाज सेवा, सहयोग,नियमितता,समयपालन तथा अन्य अनेक मापदंडों पर हर समय खरे उतरते हैं एवं वे वास्तव में ही सच्चे हीरे होते हैं। इसके पश्चात प्रत्येक कक्षा के कक्षाध्यक्ष, अध्यापक बारी–बारी मंच पर आए एवं उद्घोषणाओं के साथ अपनी –अपनी कक्षाओं के स्टार होल्डर्स को स्टार जड़कर सम्मानित करते रहे।

स्टार होल्डर्स की फेहरिस्त काफी लम्बी थी अर्थात अधिकाँश विद्यार्थियों नें परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करके स्टार अर्जित किए “अचीवर्स असेम्बली” में प्रधानाचार्य पंकज शर्मा, प्रशासन अधिकारी रेणु शर्मा एवं गतिविधि प्रभारी गुरप्रीत सिंह भी उपस्थित रहे।



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