धर्मशाला में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भी सदन में खूब हंगामा देखने का मिला। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल में संस्थानों को बंद करने का सवाल भाजपा विधायक रणधीर शर्मा की तरफ से उठाया गया। जिस पर करीब एक घंटा तक चर्चा चली रही। लेकिन इस पर मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा शुरू से ही बेवजह संस्थानों को बंद करने के सरकार के निर्णय पर बोलती रही है। सुक्खू सरकार ने अपने दो साल के कार्यकाल में विपक्ष की सोच से परे 1865 संस्थान बंद कर दिए, जबकि 1094 स्कूल बंद किए गए। ऐसा नहीं हो सकता कि इतनी संख्या में स्कूलों में छात्रों की संख्या अनुकूल न हो। वैसे भी पहाड़ी राज्य में कम संख्या के स्कूलों को भी चलाना पड़ता है। स्कूल नजदीक न होने की वजह से बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। सरकार के ऐसे निर्णयों की वजह से हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में 21वें स्थान पर पहुंच गया। उधर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि देश में कम संख्या वाले स्कूल बंद हो रहे है। पिछले कुछ सालों में देश भर में 76 हज़ार ऐसे स्कूल बंद किए गए। पीएम के राज्य गुजरात में कम संख्या वाले स्कूलों को दस साल पहले बंद करने का सिलसिला शुरू हुआ था। जो भाजपा शासित अन्य राज्यों में जारी है। स्कूल बंद होने की वजह से एक भी बच्चे ने स्कूल नहीं छोड़ा है। अब जरूरत के मुताबिक और संख्या के पैमाने पर स्कूल खोलने से सरकार पीछे नहीं हटेगी। शिक्षा में गुणवत्ता लाना सरकार का दायित्व है।