शिमला के ढली में बुधवार सुबह आठ बजे सेब से लदा ट्रक और पिकअप पलट गई। इस हादसे में ट्रक में सवार 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि ट्रक और पिकअप चालक घायल है। कड़ी मशक्कत के बाद घायलों को क्षतिग्रस्त वाहनों से निकाला गया और IGMC अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ट्रक की चपेट में आने से तीन से दो अन्य गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है। यह हादसा शिमला-किन्नौर नैशनल हाईवे-5 पर मशोबरा बाइफर्केशन के साथ उस वक्त हुआ, जब ट्रक रामपुर से सेब लेकर शिमला की ओर आ रहा था। उस दौरान पिकअप गाड़ी पेंट में इस्तेमाल होने वाली पूटी लेकर ठियोग की और जा रही थी।
बताया जा रहा है कि ढली की उतराई में अनियंत्रित ट्रक, पिकअप को घसीटते हुए पहाड़ी से 20 मीटर नीचे पलट गया और शिमला-मशोबरा सड़क पर जा गिरा। गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त शिमला-मशोबरा सड़क पर कोई गाड़ी इसकी चपेट में नहीं आई। ट्रक-पिकअप के पलटने के बाद मशोबरा सड़क पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। इसके बाद पुलिस ने सुन्नी, तत्तापानी, अलसिंडी व करसोग की बसें दो घंटे तक वाया घणाहट्टी डायवर्ट की। मगर, 11 बजे तक ट्रक को बीच सड़क से हटाकर किनारे किया गया। अब ट्रैफिक को बहाल कर दिया है।
सेब ढुलाई में लगे ट्रक के साथ बीते 14 घंटे के दौरान यह दूसरा बड़ा सड़क हादसा है। बीती शाम ठियोग के छैला में भी एक बेकाबू ट्राले की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत और तीन गाड़ियों को नुकसान हुआ है। शिमला के ढली से छराबड़ा तक हर साल 10 से 12 ऐसे ही दर्दनाक हादसे होते है। दरअसल, छराबड़ा से ढली तक उतराई है। इसलिए चालक को लगातार ब्रेक दबाकर गाड़ी चलानी पड़ती है। इसे गाड़ी के चक्के गर्म हो जाते है और लदी हुई गाड़ी कई बार अनियंत्रित हो जाती है। इससे हर साल ऐसे कई हादसे होते है। इनमें कमी लाने के लिए खासकर बाहरी राज्यों से सेब की ढुलाई के लिए हिमाचल आने वाले चालकों को जागरूक करने की जरूरत है।
सड़क दुर्घटना टालने के लिए स्पीड कम करने और गाड़ी के चक्के गर्म न हो, इसलिए उन्हें बीच बीच में गाड़ी खड़ी करके रोकने की एडवाइजरी देने की जरूरत है। सेब सीजन के दौरान छराबड़ा से ढली के बीच में 90 फीसदी हादसे बाहरी राज्यों से आने वाले ट्रांसपोर्टरों के साथ ही घटित हुए है।