शिमला, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्माणी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की सरकार जब से सत्ता में आई है तब से निरंतर हिमाचल वासियों पर महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में आपदा के समय सरकार लोगों को लाभ देने के बजाय गरीब लोगों की कमर तोड़ने में जुटी हैं। गौरतलब हैं कि उचित मूल्य की दुकान (डिपु )से बीपीएल व एपीएल लोग राशन लेते हैं जिनकी इस आपदा के कारण पहले ही स्थिति खराब हो चुकी हैं ऐसे में राशन के दामों में बढ़ोतरी करना कितना न्यायोचित हैं.
उन्होंने कहा सस्ते राशन के डिपुओं में दालें महंगी हो गई हैं। 2 माह बाद डिपुओं में पहुंची दालों के दामों में अंतर आया है। एन.एफ.एस. यानी बी.पी.एल. व ए.पी.एल. उपभोक्ता के लिए माह की दाल में सीधे 5 रुपए की बढ़ौतरी हुई है, वहीं मलका की दाल में एक रुपए का अंतर आया है। सितम्बर महीने में बी.पी.एल. व एन.एफ.एस. उपभोक्ताओं को माह की दाल 63 रुपए में मिलेगी, वहीं ए. पी. एल. उपभोक्ताओं को 73 और ए. पी. एल. टी. उपभोक्ताओं को 98 रुपए में मिलेगी। इसी तरह बी.पी.एल. व एन.एफ.एस. उपभोक्ताओं को मलका की दाल 54 रुपए मिलेगी। ए.पी.एल. उपभोक्ताओं को 64 और ए.पी.एल.टी. उपभोक्ताओं को 89 रुपए में मिलेगी। इससे पहले अगस्त माह में प्रदेश के अधिकतर डिपुओं में दालें नहीं पहुंच पाई थीं। डिपुओं में इस बार दाल चना 16 रुपए अधिक महंगी होगी। आपदा के समय दालों में जो मूल्यांवृद्धि हुई हैं जोकि हिमाचल की जनता के साथ धोखा है। इस बढ़ोतरी को भी सरकार को तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए।
सत्ता में आने से पहले बार-बार महंगाई दूर करने का वायदा और गारंटीयां कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल की भोली भाली जनता को दी, परंतु सत्ता में आते ही डीजल के दामों में दो बार बढ़ोतरी कर दी गई। जिसके कारण डीजल में 6.50 रु प्रति लीटर बढ़े , इस वृद्धि के कारण किराया, माल भाड़ा, आवागमन में बढ़ोतरी हुई और हिमाचल के किसान बागवानों को सीधा-सीधा नुकसान का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा जहाँ केंद्र की भाजपा सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर के दामों को 200 रु घटाया और इसी प्रकार उज्जवला योजना के लाभार्थियों के लिए दाम 400 रु घट गए। प्रदेश में भाजपा की पिछली सरकार ने जहाँ वैट घटा कर डीजल की कीमते घटाई वहीं इस सरकार ने आते ही वैट की कीमतों में इजाफा किया. हिमाचल की जनता प्रदेश सरकार से उम्मीद करती है कि वह भी बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए डीजल के ऊपर 6.50 रु की बढ़ोतरी को तुरंत वापस ले, जिससे हिमाचल प्रदेश की जनता को बड़ी राहत पहुंचेगी।