डॉ भीमराव रावजी अम्बेडकर की पुण्यतिथि, पर आज ज़िला मुख्यालय केलांग में महापरिनिर्वाण दिवस का आयोजन कर डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित किये गए तथा सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष एवं योगदान को याद किया।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सहायक उपायुक्त डॉ रोहित शर्मा ने कहा कि डॉ भीमराव रावजी अम्बेडकर की पुण्यतिथि जो 6 दिसंबर को पड़ती है, को महापरिनिर्वाण दिवस कहा जाता है।
उन्होंने वर्षों तक धर्मों का गहन अध्ययन करने के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया। इसके अलावा, उन्हें अस्पृश्यता के उन्मूलन में उनके योगदान के लिए बौद्ध गुरु माना जाता था। इस प्रकार, अम्बेडकर की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
ज़िला कल्याण अधिकारी ख़ुशविन्दर ठाकुर ने कहा कि अम्बेडकर को भारत के संविधान का जनक कहा जाता है। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे और उन्हें भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में माना जाता है। वह एक भारतीय अर्थशास्त्री, न्यायविद, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने कई दलित बौद्ध आंदोलनों को प्रेरित किया और अछूतों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी। 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में तहसील कल्याण अधिकारी राजेश ठाकुर सहित अन्य कर्मचारियों ने भी डॉ अम्बेडकर को श्रध्दांजलि अर्पित की।