हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में आज मंगलवार सरकार की ओर से राजकोषीय दायित्व बजट प्रबंधन संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की जाएगी। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने 3 फीसद से अधिक कर्ज उठाने की सुविधा का उपयोग किया है। जिसके तहत अभी तक प्रदेश सरकार 4000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है, शेष 15 दिनों की अवधि में सरकार 5400 करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है।
विधानसभा में विपक्ष की ओर से सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर कर्ज उठाने के मामले पर आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस की ओर से यह कहा जा रहा है कि जयराम सरकार ने इस कार्यकाल में अभूतपूर्व कर्ज उठाया है। विपक्ष मुख्यमंत्री पर कई तरह के तंज कस रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने बीते दिनों कहा था कि जयराम ठाकुर को सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाएगा।
भारत सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान देश के सभी राज्यों को अतिरिक्त दो फीसद कर्ज लेने की सुविधा प्रदान की है। इसके तहत सरकार को आज विधानसभा में अतिरिक्त कर्ज की सीमा को विधानसभा की मंजूरी प्राप्त करने के लिए विधेयक पर चर्चा होगी। इस संशोधन विधेयक को पारित किया जाएगा। अभी तक प्रदेश सरकार 62200 करोड़ रुपये का कर्ज उठा चुकी है।