गुरु-शिष्य के बीच होगा चुनावी संघर्ष

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लाहुल स्पीति की राजनीति में पहली बार गुरू और शिष्य के बीच दिलचस्प सियासी दंगल देखने को मिलेगा। कांग्रेस ने अनुराधा को चुनावी रण में उतार कर भाजपा प्रत्याशी रवि ठाकुर के सामने बड़ी चुनौती पेश की है। कांग्रेस प्रत्याशी अनुराधा राणा को राजनीति मे लाने का श्रेय रवि ठाकुर को जाता है। दरअसल साल 2021 में रवि ठाकुर ने अनुराधा राणा को चंद्रा वैली से बतौर जिला परिषद का चुनाव लडऩे के लिए प्रेरित किया था। जिला परिषद चुनाव जीतने के बाद रवि ठाकुर के हस्तक्षेप से अनुराधा राणा को लाहुल-स्पीति जिला परिषद की अध्यक्ष बनी, लेकिन मौजूदा समय में बदले सियासी समीकरण के बाद आज शिष्या अनुराधा चुनावी दंगल में अपने राजनीतिक गुरू रवि ठाकुर की प्रतिद्वंदी बन लाहुल स्पीति विधानसभा उपचुनाव लडऩे के लिए मैदान में खड़ी है। कांग्रेस के बागियों पर जिस तरह के आरोप लगे हैं, उसके बाद जनता में उनके खिलाफ रोष देखने को मिल रहा है।

उधर, प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता होने का चुनाव में अनुराधा को सीधा फायदा मिल सकता है, वहीं भाजपा के पूर्व मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय के आजाद चुनाव लडऩे की सूरत में लाहुल स्पीति की राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। माना जा रहा है कि मार्कंडेय के चुनाव मैदान में उतरने से इसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। हालांकि मार्कंडेय का कहना है कि वह अपने समर्थकों से बातचीत करने के बाद की चुनाव लडऩे का निर्णय लेंगे। उधर, कांग्रेस टिकट के कुछ दावेदारों में नाराजगी जरूर है, लेकिन अनुराधा राणा ने कहा कि वह सभी टिकट के आवेदन करने वाले नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर समर्थन की आग्रह करेंगी। अनुराधा के लिए यह बड़ी राहत की बात है कि टिकट के कई आवेदक सोमवार को उनके स्वागत में खड़े दिखे।