केंद्र सरकार के पाले में चूड़धार रोपवे निर्माण, सैंकड़ो साल बाद शांत यज्ञ की तैयारी शुरू

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लाखों श्रद्धालुओं की आस्था की प्रतीक चूड़धार पर रोपवे के निर्माण को लेकर हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है। विधानसभा के मौजूदा सत्र में पच्छाद की विधायक रीना कश्यप ने सदन में निर्माण को लेकर सवाल उठाया। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि पर्वतमालाओं रोपवे के तहत निर्माण का मामला केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है। इसके अलावा 20 अन्य परियोजनाओं को भी मंजूरी के लिए भेजा गया है।

बता दें कि चूड़धार रोपवे निर्माण की घोषणा जयराम सरकार के कार्यकाल में हुई थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद धरातल पर कुछ खास नहीं हुआ है। सदन में यह मामला उठने के बाद उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में राज्य सरकार भी सकारात्मक कदम उठाएगी।

अलबत्ता ये जरूर है कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हाल ही में चोटी पर हेलीकॉप्टर की लैंडिंग व टेक ऑफ का सफल ट्रायल हुआ था।  तकरीबन साढ़े हजार फुट की ऊंचाई पर भगवान शिरगुल देवता का प्राचीन मंदिर न केवल दक्षिण हिमाचल, बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के लाखो श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक भी है। चोटी पर मंदिर के जीर्णोदार का कार्य करीब पूरा हो चुका है। सैंकड़ो साल बाद 24 अक्टूबर को चूडधार चोटी पर शांत महायज्ञ होने जा रहा है। इसको लेकर चूड़ेश्वर सेवा समिति की तमाम इकाइयां सक्रिय हो चुकी हैं।

आखरी बार चोटी पर शांत महा यज्ञ कब हुआ था, इसकी सटीक जानकारी नहीं है। लिहाजा यदि सरकार शांत महायज्ञ से पहले चोटी पर हेलीकॉप्टर की सुविधा उपलब्ध करवाती है तो ये बुजुर्गों को शांत महायज्ञ से पहले सरकार का एक शानदार उपहार होगा। हालांकि, शिमला जनपद के सरांंन से पैदल दुरी इस वजह से कम हुई है क्योंकि पुलबहाल सड़क का निर्माण हो चूका है, वही सिरमौर के नौहराधार बेस कैंप से अब करीब 16 किलोमीटर की चढाई है,ऐसे में चलने में असमर्थ बजुर्गो के लिए ऐतिहासिक पलो का गवाह बनना मुमकिन नहीं है।