विधानसभा क्षेत्र शाहपुर की दुरगेला पंचायत में स्थापित कांगड़ा हर्बल कंपनी के कर्मचारियों ने कंपनी प्रशासन और प्रबंधन के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते हुए रोष व्यक्त किया है। कंपनी कर्मचारियों का कहना है कि वर्ष 2007 से प्रचलित इस कंपनी में सैंकड़ो कर्मचारी कार्यरत थे। लेकिन कंपनी कि नीतियों से प्रभावित होकर कुछ कंपनी को छोड़ कर चले या कुछ को कंपनी से निकाल दिया गया। जानकारी के लिए बता दें कि मोटापा, कैंसर, थायराइड, मस्कुलर डिस्ट्राफी, सिरायसिस, सेरेव्रल पाल्सी, कोलोस्ट्रोल, किडनी रोग, लिवर रोग, हर्ट प्रॉब्लम, जोड़ों का दर्द, शुगर ब्लड प्रेशर, बवासीर, माइग्रेन, जैसी असाध्य विमारियों का इलाज और पंचकर्मा, नेचरोपैथी व् कई प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियों द्वारा असाध्य रोगों का इलाज करने के साथ-साथ हर्बल जड़ी बूटियों द्वारा बनाई गई दवाइयों तथा हर्बल चाय, मेहंदी एवं अन्य सौन्दर्य प्रोडक्ट के लिए मशहूर कांगड़ा हर्बल के कर्मचारी आज रोज़ी रोटी के मोहताज़ हो गए है।
इस बारे में जब कंपनी कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमें इस कंपनी में काम करते हुए काफी वर्ष हो गए हैं। इन्होंने आज कंपनी के गेट पर ताला लगा दिया और अंदर आने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें इसके बारे में कोई नोटिस नहीं दिया गया था। उनका कहना है कि कंपनी के मालिक यहां पर नहीं है, और यहां के जो स्थानीय प्रबंधक है। उन्होंने ही यह गेट बंद करवाया है। कंपनी कर्मचारियों का कहना है कि उनका मिनिमम वेजेस का केस कोर्ट पर चला हुआ है। जिसमें कि कुछ कर्मचारियों को उनके पैसे मिल गए हैं, पर कुछ लोगों के पैसे अभी बाकी है।कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मासिक आय पांच से छ हज़ार रुपये है। अगर वो इस तरह बेरोजगार हो गए तो उनको और उनके घर वालों को खाने के लाले पड़ सकते है।उन्होंने प्रशासन और कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि उनकी मांग जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि वो अपने घर का पालन पोषण कर सके। वहीं ओमराज, दिनेश,प्रदीप,कांटा देवी अमर कटोच ,अशोक सहित कंपनी के कर्मचारियों ने चेताया है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो वो भूख हड़ताल करने पर मजबूर हो जाएंगे। वहीं, इस बाबत जब कंपनी प्रबंधक अजय राणा से बात की गई तो उन्होंने सभी इल्जामों को सिरे से नकार दिया। उनका कहना है कि कंपनी ने कर्मचारियों को पहले ही यह कह कर नोटिस दे दिया था कि कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। साथ ही कंपनी के पास कोई भी मैन्युफैक्चरिंग आर्डर नहीं है। इसलिए आप काम पर आना छोड़ दे और अपने लिए कहीं और वैकल्पिक तौर पर काम देख ले। उन्होंने बताया कि अगर कंपनी कि आर्थिक स्थिति में सुधार आता है तो लोगों को वापिस काम पर रख लिया जाएगा।