समग्र शिक्षा के तहत कफोटा में पांच दिवसीय ईसीसीई कार्यशाला का समापन किया गया है। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्राथमिक अध्यापकों को हिमाचल प्रदेश में चल रही प्री प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार करना है। खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी रतीराम रंघवाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने अध्यापकों को कार्यशाला में जो भी बातें बच्चों को पढ़ने के लिए सिखाई गई है। उसको जमीन स्तर पर लागू करने का आह्वान किया। कार्यशाला में अध्यापकों को पूर्व प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चें को खेल-खेल गतिविधि द्वारा किस तरह से पढ़ाया जा सकता है। उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान द्वारा प्राथमिक अध्यापकों जो प्री प्राइमरी कक्षाओं के बच्चे को पढ़ा रहे हैं, उनको प्रतिशत किया जा रहा है। कार्यशाला के स्रोत समन्वयक बीआरसी मायाराम शर्मा, बलबीर चौहान, श्याम सिंह और बबली पुंडीर ने पांच दिवसीय कार्यक्रम में अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया। उन्होंने गतिविधियों के माध्यम से खेल-खेल द्वारा बच्चों को पढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं दी जा रही है, जिससे अभिभावकों का भी सरकारी विद्यालयों के प्रति रुझान बड़ा है। सरकारी विद्यालयों में बच्चों की नामांकन संख्या में बहुत ज्यादा वृद्धि हो रही है।
प्री प्राइमरी कक्षाओं में अभी तक अध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई है जो की अभी प्रस्तावित है। प्री प्राइमरी कक्षा के लिए समग्र शिक्षा अभियान द्वारा 11 लाख रुपए जारी किए गए हैं। जिससे सरकारी विद्यालय में प्री प्राइमरी के बच्चों के लिए एक अलग से सुंदर कमरा तैयार करना प्रस्तावित है। और बच्चों को पढ़ाने के लिए सभी नई आधुनिक तरीकों का प्रयोग किया जाएगा।