कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के बद्दी कार्यालय के क्षेत्रीय आयुक्त रवि आनंद से चंडीगढ़ स्थित आवासीय परिसर से बरामद 23.5 लाख रुपये कहां से आए और किसके हैं, सीबीआई इसका पता लगाने में जुट गई है। सीबीआई को आशंका है कि पैसे बद्दी, परवाणू और नालागढ़ में स्थापित कंपनियों के पीएफ मामले निपटाने के लिए तो नहीं लिए हैं। सभी पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए केंद्रीय एजेंसी जांच कर रही है।
बता दें कि सीबीआई ने क्षेत्रीय आयुक्त को मंगलवार को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसके अलावा मामले में ईपीएफओ बद्दी के प्रवर्तन अधिकारी मदन लाल भट्टी और प्राइवेट कंसल्टेंट संजय कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। तीनों 30 तक रिमांड पर हैं। सीबीआई ने जांच आगे बढ़ाते हुए तीनों आरोपियों के बैंक खाते सील कर दिए हैं।
वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा
तीनों का वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। इनके खातों में कब-कब कितनी ट्रांजेक्शन हुई है, इसकी जांच कर रही है। गुरुवार को एजेंसी ने रिश्वत मामले में तीनों आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की। तीनों को आमने-सामने बिठाकर सवाल-जवाब हुए हैं। और प्राइवेट कंसल्टेंट संजय कुमार को 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
कंसल्टेंट को दो दिन पहले ले लिया था हिरासत में
रिश्वत की शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने कंसल्टेंट को 24 नवंबर को ही हिरासत में ले लिया था। उससे सारी जानकारी एकत्र करने के बाद 26 नवंबर की सुबह सीबीआई ने बद्दी, शिमला और चंडीगढ़ में एक साथ छापा मारा। उसके बाद कंसल्टेंट समेत ईपीएफओ के अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया।