चार दिन से आशा कार्यकर्ताओं की कार्यशाला में शशि पाल ठाकुर प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। शनिवार को कार्यशाला समाप्त होनी थी। मेडिकल एजुकेशन के प्रशिक्षण की इतनी जबरदस्त महारत हासिल थी कि हर कोई उनकी बताई बातों को जहन में उतार लेता था। हर कोई उनकी काबलियत का कायल था।
मगर शुक्रवार की रात शांत शख्सियत अपने शांत स्वभाव से दुनिया को अलविदा कह गई। कार्यशाला में पहुंची हरेक आशा कार्यकर्ता को इस बात का मामूली सा भी इल्म नहीं था कि जो स्टेट मेडिकल एजुकेटर उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी बारीकियों को बखूबी समझा रहा था, वो अब इस दुनिया में नहीं है। बीती देर शाम दिल का दौरा पड़ा।
ओपीडी में पहुंचे, आईसीयू में दाखिल किया गया। लेकिन मेडिकल काॅलेज की कम्युनिटी मेडिसन के एजुकेटर शशि पाल ठाकुर दुनिया में नहीं रहे थे। आशा कार्यकर्ता मीना शर्मा व हैल्थ एजुकेटर कमला नेगी ने बताया कि दिवंगत शशिकांत हरेक कर्मचारी के दिल में अलग जगह रखते थे। मूलतः सोलन के कुनिहार के रहने वाले दिवंगत शशि पाल ठाकुर के निधन की खबर स्वास्थ्य विभाग में आग की तरह फैली। पार्थिव देह को पैतृक गांव में ले जाया गया है।