अंडर-19 विश्व कप के मैन ऑफ द मैच राज बाबा का जन्म नाहन में

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अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के स्टार बन कर उभरे 19 वर्षीय राज बाबा की इस उपलब्धि पर सिरमौर की धरती भी गर्व महसूस कर रही है। 12 नवंबर 2002 को नाहन के अस्पताल में जन्मे राज बाबा की ननिहाल पांवटा में थी। जन्म के कुछ समय बाद पारिवारिक कारणों के चलते राज बाबा सिरमौर को अलविदा कर अपने पिता के साथ चंडीगढ़ चले गए।

राज को मां का प्यार भी पिता से मिला मगर बचपन से ही राज अपने पिता की आंख में बेचैनी के आंसुओं को अक्सर देख कर एक चैलेंज लिया करते थे। राज ने ठान लिया था कि एक दिन वो अपने पिता को ना केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में उनका नाम रोशन करेगा। बड़ी बात तो यह है कि जो राज बाबा ने ठाना था उसे साबित भी कर दिखाया। इसके लिए उसने अपने दादा और पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए छोटी सी उम्र में बल्ले को थाम लिया था।

कौन है राज के पिता
राज बावा के पिता सुखविंदर सिंह बाबा एक विख्यात क्रिकेट कोच है और हॉकी में भी उनकी बड़ी दक्षता है। राज बाबा के पिता सुखविंदर सिंह वरिष्ठ कोच है। सुखविंदर सिंह ने अपना पूरा जीवन ना केवल अपने बेटे के लिए बल्कि हर भारत के उस बच्चे के लिए समर्पित किया जिसकी रूचि क्रिकेट और हॉकी में रही। अब आपको यह भी एक बड़ी रोचक जानकारी हम पहली बार दे रहे हैं कि सुखविंदर सिंह ने नाहन में भी जिला सिरमौर क्रिकेट एसोसिएशन के विशेष आह्वान पर बच्चों को क्रिकेट की कोचिंग दी है।

रणजी खेल चुके नाहन के संग्राम सिंह को भी सुखविंदर सिंह ने कोचिंग दी है। राज बाबा के दादा तरलोचन बाबा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम के सदस्य भी रहे हैं। यहां हम राज बाबा के ननिहाल का इसलिए जिक्र नहीं करना चाहते हैं क्योंकि इसको लेकर राज के पिता जीवन के उस लिखे हुए पन्ने को पहले ही फाड़ चुके हैं। वैसे भी केवल जन्म के सिवा राज बाबा का संबंध जिला सिरमौर से नहीं है। नाहन से संबंध रखने वाले चंडीगढ़ में रहे आई एनएस फुटबॉल कोच नरेंद्र थापा से भी उनके पिता की अच्छी दोस्ती रही।

तो वही सिरमौर में क्रिकेट को आयाम देने वाले राजेंद्र सिंह बब्बी के साथ भी राज बाबा के पिता की बड़ी घनिष्ठता रही है। राजेंद्र सिंह बब्बी का कहना है कि सुखविंदर सिंह एक बड़े सुलझे हुए इंसान हैं और जो हुनर उनके पास क्रिकेट को लेकर है वह उन्होंने आज तक किसी में नहीं देखा है। बता दें कि राज बाबा के पिता सुखविंदर सिंह बाबा मूल रूप से पंजाब के मोगा गांव के रहने वाले हैं। मगर उनका कर्म क्षेत्र चंडीगढ़ रहा है। सुखविंदर सिंह का कहना है कि उनके द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ियों की इतनी लंबी लिस्ट है जिसका जिक्र नहीं किया जा सकता।

मगर बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं जो आईपीएल और भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे हैं। बड़ी बात तो यह भी है कि सुखविंदर सिंह कहते हैं मेरे लिए मैदान में आया हुआ हर बच्चा राज बाबा है। तो वही अंडर-19 विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड को 4 विकेट से हराने में राज बाबा का नाम एकदम से सुर्खियों में आया है। बता दें कि टीम इंडिया 2,000 2008, 2012 और 2018 में भी विश्व कप जीत चुकी है। राज बाबा ने ना केवल बल्लेबाजी में बल्कि गेंदबाजी में भी कई रिकॉर्ड तोड़े हैं।

युगांडा के खिलाफ ग्रुप मैच में 162 रन बनाकर सर्वोच्च स्कोर बनाने वाला बल्लेबाज भी राज बाबा बने थे। राज बाबा लेफ्ट हैंडर है। राज बाबा अपना रोल मॉडल जहां भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह को मानते हैं तो वही उनका लकी नंबर 132 भी वह अपनी जर्सी पर लगाते हैं। बरहाल, भले ही सिरमौर से यह परिवार अपना नाता 2008 में तोड़ चुका है। बावजूद इसके क्रिकेट जगत से जुड़े तमाम खिलाड़ी और कोच आज राज बाबा और उनके पिता सुखविंदर सिंह पर गर्व महसूस कर रहे हैं।